यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण (POSH) अधिनियम, 2013
यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण (POSH) अधिनियम, 2013 चर्चा में क्यों? हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें बॉम्बेहाईकोर्ट द्वारा यौन उत्पीड़न से महिलाओं के संरक्षण (POSH) अधिनियम, 2013 के तहत मामलों में जारी दिशा-निर्देशों को चुनौती दी गई है। जिस प्रावधान को चुनौती दी गई, वह मीडिया के साथ आदेश और निर्णय सहित रिकॉर्ड साझा करने से पार्टियों और अधिवक्ताओं पर ‘ब्लैंकेट बार’ से संबंधित है। POSH अधिनियम के तहत एक मामले में पक्षों की पहचान की रक्षा के लिये बॉम्बेहाईकोर्ट के न्यायाधीश जीएस पटेल द्वारा ये दिशा- निर्देश दिये गए थे। प्रमुख बिंदु याचिकाकर्त्ता की दलीलें: अनुच्छेद 19 की भावना के खिलाफ: याचिकाकर्त्ता ने तर्क दिया कि ‘ब्लैंकेट बार’ अनुच्छेद-19 के तहत निहित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि एक जागरूक नागरिक स्वयं को बेहतर तरीके से नियंत्रित करता...